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Secondary Memory Kya Hoti Hai- सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है?

Secondary Memory Kya Hoti Hai In Hindi:- दोस्तों हमने आपको पिछले आर्टिकल में बताया था प्राइमरी मेमोरी क्या है? और Primary Memory कितने प्रकार की होती है? आज हम इस लेख के माध्यम से आपको सेकेंडरी मेमोरी ( Secondary Memory ) के बारे में जानकारी देंगे।

इस आर्टिकल में आप जानेगे कि सेकेंडरी मेमोरी क्या है?, सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है? ( Types of Secondary Memory ), सेकेंडरी मेमोरी की क्या विशेषताए है? और सेकेंडरी मेमोरी के क्या फायदे और नुकसान है?

कंप्यूटर में डाटा बैकअप की समस्या आती रहती है येसे में Secondary Memory इस समस्या को दूर करने के काम आती है। क्योकि सेकंडरी मेमोरी एक परमानेंट स्टोरेज मेमोरी है सेकेंडरी मेमोरी का इस्तेमाल मुख्य रूप से कंप्यूटर में डाटा स्टोर करने के लिए किया जाता है इसलिए इसे कंप्यूटर की Secondary Storage Device कहते है।

जिसका उपयोग कंप्यूटर में प्रोग्राम तथा प्रोग्राम के Execution से प्राप्त आउटपुट को Permanent स्टोर करने के लिए किया जाता है। जैसा का आप सभी लोग जानते है कि प्राइमरी मेमोरी जिसे हम सभी Volatile मेमोरी के नाम से जानते है, इसमें डाटा या निर्देश अस्थायी रूप से स्टोर होता है और इसकी स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है तथा कंप्यूटर बाद होने के बाद डाटा नष्ट हो जाता है।

ऐसे में यदि हमें स्थायी रूप से बड़ी मात्रा में डेटा या प्रोग्राम को स्टोर करना है तो हमें Secondary Storage Device की जरूरत पड़ती है इसलिए इस मेमोरी को External Memory (द्वितीय मेमोरी) कहा जाता है। तो आईए जानते है विस्तार से Secondary Memory Kya Hai In Hindi ( सेकेंडरी मेमोरी क्या होती है? हिंदी में ) और सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है? ( Types of Secondary Memory In Hindi )

Secondary Memory Kya Hai In Hindi- Types of Secondary Memory In Hindi
Secondary Memory Kya Hoti Hai- सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है?




महत्वपूर्ण बिंदु

Secondary Memory Kya Hoti Hai In Hindi ( सेकेंडरी मेमोरी क्या है? हिंदी में )

यह मेमोरी Computer Memory की तीसरी और आखिरी मेमोरी होती है इसे External या Non-Volatile Memory के नाम से भी जाना जाता हैं। जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर में डाटा को Permanent स्टोर करने के लिए किया जाता है।

सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस कंप्यूटर का एक हार्डवेयर कंपोनेंट है जिसे अलग से कंप्यूटर से जोड़ा जाता है। इसमें स्टोर किया गया डाटा स्थायी रूप से स्टोर होता है यानि की सेकंडरी मेमोरी में स्टोर सभी Data और इनफार्मेशन कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी रहता है इसलिए इसे Non-Volatile Memory ( स्थायी ) मेमोरी भी कहते है।

इसका इस्तेमाल मुख्य रूप में डाटा को लम्बे समय के लिए स्टोर करने के लिए किया जाता है ये प्राइमरी मेमोरी ( Main Memory ) के मुकाबले धीमी होती है लेकिन इनकी कैपेसिटी बहुत ज्यादा होती है। सेकेंडरी मेमोरी में डाटा गीगाबाइट और टेराबाइट में स्टोर होता है। सेकेंडरी मेमोरी, प्राइमरी मेमोरी की तुलना में काफी स्लो और सस्ती होती है तथा सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता Primary Memory से अधिक होती है और जरुरत पड़ने पर इसके स्टोरेज को बढाया जा सकता है।

सेकेंडरी मेमोरी को External Memory और Auxiliary Storage के रूप में भी जाना जाता है। कंप्यूटर में डाटा Backup के लिए सेकेंडरी मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है। Secondary Memory CPU का भाग नही होती हैं CPU डायरेक्टली सेकेंडरी मेमोरी को एक्सेस नहीं कर सकता है। इसके लिए सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर डाटा पहले RAM में लोड होता है जहाँ से फिर CPU उस डाटा को एक्सेस करता है इसलिए इस मेमोरी को Permanent Storage Memory ( स्थाई मेमोरी ) कहा जाता है।




सेकेंडरी मेमोरी का क्या कार्य है? ( Work of Secondary Memory In Hindi )

अधिकांश लोगो को पता है की सेकेंडरी मेमोरी का क्या कार्य होता है लेकिन फिर भी अगर आप लोगों को नही पता कि Secondary Memory ( External Memory ) का कार्य क्या होता है तो हम आपको बता दे कि सेकेंडरी मेमोरी का कार्य पर्सनल डेटा, सॉफ्टवेयर डेटा और कंप्यूटर के सभी डेटा को स्टोर करना है।

यह डेटा कुछ भी हो सकता है जैसे फोटो, वीडियो, मूवी, गाने, गेम, डॉक्यूमेंट आदि। सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है इसलिए इसमें बहुत सारा डेटा आसानी से स्टोर किया जा सकता है। सेकेंडरी मेमोरी की हेल्प से हम कंप्यूटर की स्टोरेज क्षमता को बढ़ा सकते है।

दोस्तों अब आप सेकेंडरी मेमोरी के बारे में जान ही गये होंगे की Secondary Memory Kya Hai In Hindi और सेकेंडरी मेमोरी ( Non Volatile Memory ) का कार्य क्या होता है? तो आईये अब जानते हैं सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है? ( Types of Secondary Memory In Hindi

 

Types of Secondary Memory In Hindi- सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है?
Types of Secondary Memory In Hindi- सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है?




कैश मेमोरी क्या है? और कितने प्रकार की होती है?

सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है? Types of Secondary Memory in Hindi

कंप्यूटर में जितनी भी External Storage Devices का इस्तेमाल किया जाता है वे सभी Secondary Memory के अंतर्गत आती है फिर वो चाहे Fixed Storage Device हो या फिर Removable Storage Device सभी सेकेंडरी मेमोरी कहलाती है। कहने का मतलब है कि हम डेटा को स्टोर करने के लिए जिनती भी मेमोरी को कंप्यूटर में इन्सर्ट करते है वे सभी सेकेंडरी मेमोरी कहलाती है।

अब आप सोच रहें होंगे कि Fixed Storage Device और Removable Storage Device क्या होती है? तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि Fixed Storage Device वे स्टोरेज डिवाइस होती है जो कंप्यूटर के अन्दर पहले से ही लगी होती है जैसे की हार्ड डिस्क ड्राइव या सॉलिड डिस्क ड्राइव!

असल में Fixed Storage Device पूरी तरह कंप्यूटर में फिक्स्ड नही होते है इन्हें Computer Repairing, Maintenance या Computer Upgrade के समय हटाया जा सकता है!

Removable Storage Device वो स्टोरेज डिवाइस होती है जिन्हें हम कंप्यूटर में बाहर से इन्सर्ट या लगाते है! कहने का मतलब है कि ऐसे स्टोरेज डिवाइस जिनको कंप्यूटर के साथ कभी भी कनेक्ट करके कभी भी कंप्यूटर से रिमूव किया जा सकता है Removable Storage Device कहलाते है! Removable Storage Device की हेल्प से हम डाटा को एक कंप्यूटर से दुसरे डिवाइस या कंप्यूटर में ट्रान्सफर कर सकते है!

Secondary Memory / Non-Volatile Memory वैसे तो कई प्रकार की होती है लेकिन सभी सेकेंडरी मेमोरी को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा जा गया है! जो कि इस प्रकार है।।।।

  1. मैग्नेटिक/चुम्बकीय टेप (Magnetic Tape)
  2. मैग्नेटिक/चुम्बकीय डिस्क (Megnetic Disk)
  3. ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk)
  4. यूऍसबी फ्लैश ड्राइव (USB Flash Drive)

1. मैग्नेटिक/चुम्बकीय टेप (Magnetic Tape)

Magnetic Tape देखने में किसी पुराने जमाने के Tape Recorder की कैसेट की तरह होती थी, इसमें प्‍लास्टिक के रिबन पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढी होती थी, जिस पर डाटा स्‍टोर करने के लिये हेड का प्रयोग किया जाता था बिलकुल टेप रिकार्डर की तरह, और यह काफी सस्‍ते होते थे।

2. मैग्नेटिक/चुम्बकीय डिस्क (Megnetic Disk)

Megnetic Disk दो प्रकार की होती है! फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) और हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)

फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)

Floppy Disk बहुत पतले प्‍लास्टिक की एक गोल डिस्‍क होती है जो एक प्‍लास्टिक के कवर में बंद रहती थी, इस डिस्‍क पर चुम्बकीय पदार्थ की परत चढी होती थी, फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) आकार एवं स्‍टोरेज के आधार पर दो प्रकार की होती है।

  • मिनी फ्लॉपी (Mini Floppy):- Mini Floppy का व्‍यास (Diameter) 3½ इंच का होता है और इसकी स्‍टोरेज क्षमता 1।44 MB होती है इसे कंप्‍यूटर में रीड करने के लिये 3½ इंच के फ्लॉपी डिस्क रीडर (Floppy disk reader) की आवश्‍यकता होती है, यह लगभग 360 RPM यानि Revolutions Per Minute यानि चक्‍कर/घूर्णन प्रति मिनट की दर से घूमती है।
  • माइक्रो फ्लॉपी (Micro Floppy):- Micro Floppy का व्‍यास (Diameter) 5½ इंच होता है और इसकी स्‍टोरेज क्षमता 2।88 MB होती है, इसके भी 5½ इंच के फ्लॉपी डिस्क रीडर (Floppy disk reader) की आवश्‍यकता होती है।

हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)

दुनिया की पहली हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) के निर्माता IBM हैं जिसे 1980 में बनाया गया था! यह एक यह एलुमिनियम धातु की डिस्क होती है यह डिस्‍क एक धुरी पर बडी तेजी से घूमती है और इसकी गति को RPM यानि Revolutions Per Minute में मापा जाता है!




आज तक बाजार में 5200 RPM और 7200 RPM वाली हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) उपलब्‍ध है! हार्डडिस्‍क ड्राइव में Track और Sector में डाटा स्टोर होता है! एक सेक्टर में 512 बाईट डाटा स्टोर होता है 80 के दशक में आयी हार्डडिस्‍क ड्राइव जिसके पहले पार्टीशन को नाम दिया गया “C” ड्राइव और आज जब आप विंडोज इंस्‍टॉल करते हो तो वह सबसे पहले “C” ड्राइव में ही इंस्‍टाॅल होती है।

अगर स्‍टोरेज की बात करें ताे हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive) को प्रमुख सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) के तौर पर इस्‍तेमाल किया जाता है वर्तमान में 1 टैराबाइट से लेकर 100 टैराबाइट तक की हार्ड डिस्‍क उपलब्‍ध हैं।

3. ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk)

Optical Disk में पॉली कार्बोनेट की गोल डिस्‍क होती है जिस पर एक रासायनिक पदार्थ का लेप रहता है! ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) डेटा डिजिटली रूप में सुरक्षित रहता है! डाटा को ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) पर रीड और राइट करने के लिये कम क्षमता वाले लेजर प्रकाश का प्रयोग किया जाता है! Optical Disk तीन प्रकार की होती है सीडी (CD), डीवीडी ड्राइव (DVD) और ब्लू रे (Blu Ray)

सीडी (CD)

सीडी (CD) का पूरा नाम कॉम्‍पेट डिस्‍क है इसकी क्षमता हार्डडिस्‍क से कम और फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) से ज्‍यादा होती है! इसमें कुछ 700MB डाटा को स्‍टोर किया जा सकता है इसमें डाटा लगभग 30 वर्षो तक सुरक्षित रह सकता है! लेकिन इसकी सतह पर स्‍क्रैच आने पर डाटा को रीड और राइट करने में परेशानी होती है।

डीवीडी ड्राइव (DVD)

सीडी (CD) की अपेक्षा डीवीडी (DVD) यानी डिजिटल वर्सटाइल डिस्‍क की स्‍टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है लेकिन देखने में यह दोनों एक जैसी ही लगती है! डीवीडी (DVD)की स्‍टोरेज क्षमता करीब 4।7 जीबी से लेकर 17 जीबी तक होती है, लेकिन स्‍क्रेच वाली समस्‍या यहां भी है।

ब्लू रे (Blu Ray)

ब्लू रे (Blu Ray) देखने में CD और DVD की तरह ही होती है लेकिन इसको रीड और राइट करने के लिये जिसे लेजर प्रकाश का प्रयोग किया जाता है! वह नीले रंग-जैसी बैंगनी किरण होती है इसलिये इसे ब्लू रे (Blu Ray) कहा जाता है! इस प्रकाश की वजह से ब्‍लूरे डिस्‍क पर 50 जीबी तक डाटा स्‍टोर किया जाता सकता है।




4. यूऍसबी फ्लैश ड्राइव (USB Flash Drive)

यह वर्तमान की सबसे पॉपुलर और पोर्टबल सेकेंडरी मेमोरी डिवाइस है जो USB पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ी जाती है जिसे हम पेन ड्राइव के नाम से भी जानते है! इसका प्रयोग वीडियो, ऑडियो के अलावा अन्‍य डेटा को सेव करने के लिए किया जाता है।

 

सेकेंडरी मेमोरी की विशेषताए ( Feature of Secondary Memory in Hindi )

  1. Secondary Memory एक स्थिर मेमोरी होती है।
  2. इसमें डेटा परमानेंटली स्टोर होता है इसलिए इसे बैकअप मेमोरी भी कहते है।
  3. सेकेंडरी मेमोरी Non-Volatile Memory होती है।
  4. सेकेंडरी मेमोरी का इस्तेमाल कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
  5. सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है!
  6. प्राइमरी मेमोरी की तुलना में Secondary Memory बहुत ही धीमी होती है।
  7. इसमें स्टोर किये गए डेटा को आसानी से एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में कॉपी किया जा सकता है!
  8. बिना सेकेंडरी मेमोरी के भी कंप्यूटर चल सकता है!
  9. Electricity Off या कंप्यूटर Shut Down होने के बाद भी इसमें स्टोर डाटा सुरक्षित रहता है!
  10. यह प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सस्ती होती है!




सेकेंडरी मेमोरी के फायदे (Advantage of Secondary Memory in Hindi)

सेकेंडरी मेमोरी के निम्नलिखित फायदे है जिनमे से कुछ इस प्रकार है!

  • सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत उच्च होती है। इसमे हम GB, TB में डाटा स्टोर कर सकते हैं।
  • सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर किया गया डाटा पॉवर सप्लाई Off हो जाने के बाद भी सुरक्षित रहता है।
  • डाटा Backup का लिए सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस सबसे Best है।
  • सेकेंडरी मेमोरी में डाटा को Read और Write किया जा सकता है।
  • सेकेंडरी मेमोरी में डाटा को Permanent लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है।
  • सेकेंडरी मेमोरी के द्वारा एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर में आसानी से डाटा Transfer किया जा सकता है।
  • प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सेकेंडरी मेमोरी एक सस्ती स्टोरेज डिवाइस है।

 

सेकेंडरी मेमोरी के नुकसान (Disadvantage of Secondary Memory in Hindi)

अगर सेकेंडरी मेमोरी के फायदे है तो वही दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान या यू कहे तो कुछ कमियां भी है जो कि इस प्रकार है!

  • प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सेकेंडरी मेमोरी की स्पीड कम होती है!
  • खराब होने पर ठीक करना मुश्किल है!
  • सेकेंडरी मेमोरी में डाटा रिकवर कर पाना बहुत मुश्किल है!

 

सेकेंडरी मेमोरी और प्राइमरी मेमोरी में अंतर ( Difference of Secondary Memory & Primary Memory )

प्राइमरी मेमोरी सेकेंडरी मेमोरी
यह एक Temporary Storage Memory होती है! यह एक Permanent Storage Memory होती है!
प्राइमरी मेमोरी को Volatile Memory ( अस्थायी मेमोरी ) कहते है! सेकेंडरी मेमोरी को Non-Volatile Memory ( अस्थायी मेमोरी ) कहते है!
इसकी स्टोरेज क्षमता कम होती है! इसकी स्टोरेज क्षमता ज्यादा होती है!
यह बहुत फ़ास्ट होती है! यह प्राइमरी मेमोरी की तुलना में धीमी होती है!
यह सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत महगी होती है! यह प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सस्ती होती है!
प्राइमरी मेमोरी के बिना कंप्यूटर कार्य नही कर सकता है! सेकेंडरी मेमोरी के बिना कंप्यूटर कार्य कर सकता है!




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कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न ( FAQs )

मेमोरी कितने प्रकार की होती है?

कंप्यूटर में मेमोरी मुख्यतः तीन प्रकार की होती है: प्राइमरी मेमोरी , सेकेंडरी मेमोरी और कैश मेमोरी

Secondary Memory किसे कहते है?

बड़ी मात्रा में डाटा या प्रोग्राम को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए जिस मेमोरी का उपयोग किया जाता है उसे Secondary Memory या Non-Volatile Memory कहते है!

सेकेंडरी मेमोरी प्राइमरी मेमोरी से किस प्रकार से अलग है?

Primary Memory एक Volatile Memory है अर्थात इसमें डाटा या निर्देश अस्थायी रूप से स्टोर होता है! जैसे की RAM और ROM, जबकि Secondary Memory एक Permanent Storage Memory ( स्थाई मेमोरी ) है इसमें डाटा या प्रोग्राम स्थायी रूप से स्टोर रहता है और जरुरत पड़ने पर उस डाटा या प्रोग्राम को पुनः प्राप्त कर सकते है! जैसे की हार्ड डिस्क, SSD, Pen Drive, CD, DVD आदि

Megnetic Disk ( चुम्बकीय डिस्क ) कितने प्रकार की होती है?

Megnetic Disk दो प्रकार की होती है! फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) और हार्ड डिस्क ड्राइव (Hard Disk Drive)

Floppy Disk कितने प्रकार की होती है?

फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) आकार एवं स्‍टोरेज के आधार पर दो प्रकार की होती है। मिनी फ्लॉपी (Mini Floppy) और माइक्रो फ्लॉपी (Micro Floppy)

Optical Disk कितने प्रकार की होती है?

Optical Disk तीन प्रकार की होती है सीडी (CD), डीवीडी ड्राइव (DVD) और ब्लू रे (Blu Ray)



 

निष्कर्ष

दोस्तों आज आपने जाना Secondary Memory Kya Hai In Hindi और सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है? आपको हमारा लेख सेकेंडरी मेमोरी क्या है? हिंदी में पसन्द आया होगा ! यदि आपके मन में इस लेख को लेकर कोई भी सवाल या सुझाव हैं तो आप नीचे कमेंट करके हमे बता सकते है! तथा इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हे भी कम्प्यूटर मेमोरी के बारे में जानकारी मिल जाएं!

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