Primary Memory / Volatile Memory Kya Hai In Hindi:- दोस्तों पिछले आर्टिकल में आपने जाना था की Computer Memory क्या होती है? और कितने प्रकार की होती है? तथा यह भी जाना था कि कंप्यूटर मेमोरी कैसे काम करती है? लेकिन आज आप इस आर्टिकल के माध्यम से कंप्यूटर मेमोरी के पहले पहलु के बारे में जानने वाले है जिसका नाम है Primary Memory ( प्राथमिक मेमोरी )!
क्योकि बहुत से लोगों के मन में सवाल होता है की Primary Memory / Volatile Memory ( प्राथमिक मेमोरी ) क्या होती है? और कितने प्रकार की होती है? तथा प्राइमरी मेमोरी की क्या विशेषताए होती है? बगैरा बगैरा…
आपके इन सारे सवालों के जवाब इस आर्टिकल में आपको मिल जायेगे, वशर्ते आपको इस लेख/आर्टिकल को पूरा अंत तक जरुर पढ़ना है! तो आईए सबसे पहले जानते है कि प्राइमरी मेमोरी क्या होती है? ( What is Primary Memory / Volatile Memory In Hindi ) और प्राइमरी कितने प्रकार की होती है?

Primary Memory Kya Hai In Hindi ( प्राथमिक मेमोरी क्या होती है? )
Primary Memory ( प्राथमिक मेमोरी ) को मुख्य मेमोरी ( Main Memory ) या अस्थाई मेमोरी (Volatile Memory) के नाम से भी जाना जाता है! यह मेमोरी CPU का महत्वपूर्ण भाग होती हैं जहाँ से CPU डाटा और निर्देश प्राप्त करता हैं! प्राइमरी मेमोरी केबल उस डाटा और निर्देशों को होल्ड करके रखती है जिन पर कंप्यूटर उस समय काम कर रहा होता है!
ये डाटा को परमानेंटली स्टोर करके नहीं रखती है Primary Memory ( Volatile Memory ) अस्थिर मेमोरी होती है क्योकि काम खत्म होने के बाद इसमें स्टोर हुआ डाटा डिलीट हो जाता है!
प्राइमरी मेमोरी सेमी कंडक्टर डिवाइस की बनी होती है यह सीधे CPU ( Central Processing Unit ) के सम्पर्क में रहती है जिससे CPU को प्राइमरी मेमोरी से डाटा एक्सेस करने में समय कम लगे! इसमें वर्तमान में किया जा रहे काम के निर्देश और डाटा स्टोर रहता हैं ये रजिस्टर के मुकाबले कम फ़ास्ट होती है लेकिन सेकेंडरी मेमोरी से तेज़ होती है!
Secondary Memory Kya Hoti Hai- सेकेंडरी मेमोरी कितने प्रकार की होती है?
प्राइमरी मेमोरी या Main Memory को RAM ( Random Access Memory ) और ROM ( Read Only Memory ) में विभाजित किया गया है! प्राथमिक मेमोरी की क्षमता बहुत सीमित होती है और सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में हमेशा छोटी होती है। प्राइमरी मेमोरी को (Temporary) अस्थाई मेमोरी भी कहा जाता है क्योंकि इसमें डाटा केवल पावर ऑन रहने तक ही Save रहता है इसलिए इसे Volatile Memory भी कहा जाता है।
प्राथमिक मेमोरी कितने प्रकार की होती है? ( Types of Primary Memory In Hindi )
प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार की होती है RAM और ROM
- RAM ( Random Access Memory ) Volatile Memory
- ROM ( Read Only Memory ) Non-Volatile Memory
आपने कही न कही बहुत बार ये नाम जरुर सुना होंगा कि कंप्यूटर में RAM Kya Hai In Hindi और ROM Kya Hai In Hindi, तो आपके मन में RAM और ROM को लेकर बहुत सारे डाउट होंगे जिनका जवाब हमने नीचे विस्तार से बताया है जिससे आपको समझने में आसानी हो! तो आईए जानते है रैम क्या है? और रोम क्या है? हिंदी में…
कैश मेमोरी क्या है? और कितने प्रकार की होती है?
रैम क्या है?- What is RAM in Hindi
RAM का Full Form Random Access Memory होता है क्यूंकि रैम अपना काम करते समय Random memory location का इस्तेमाल करती है! RAM का इस्तमाल data को Read और Write करने के लिए किया जाता है यह CPU या अन्य हार्डवेयर डिवाइस से डाटा रीड और राइट कर सकती है!
Random Access Memory ( RAM ) Computer की अस्थायी मेमोरी ( Temporary Memory ) होती है! कीबोर्ड या अन्य किसी Input Device से इनपुट किया गया डाटा प्रोसेसिंग से पहले रैम में ही स्टोर होता है और सी.पी.यू द्वारा आवश्यकतानुसार वहां से प्राप्त किया जा सकता है!
रैम एक Volatile ( अस्थाई ) मेमोरी है इसलिए इसमें स्टोर किया गया डाटा तब तक ही उपलब्ध रहता है जब तक कंप्यूटर सिस्टम ऑन रहता है RAM की क्षमता या आकार कई प्रकार की होती है यह सेकेंडरी मेमोरी से कही ज्यादा फ़ास्ट और महंगी होती है लेकिन कैपेसिटी में सेकेंडरी मेमोरी के मुकाबले बहुत ही कम होती है! रैम मुख्यतः दो प्रकार की होती है SRAM और DRAM !
RAM तीन प्रकार की होती है- Types of RAM
- SRAM ( Static Random Access Memory )
- DRAM ( Dynamic Random Access Memory )
- Synchronous RAM ( सिंक्रोनस रैम )
SRAM ( Static Random Access Memory )
SRAM सेमीकंडक्टर मेमोरी का एक प्रकार है Static RAM एक येसी रैम है जिसके हर एक सेल में 6 Transistors होते है! ट्रांजिस्टर में कैपासिटर की तरह पॉवर लोस की कोई समस्या नहीं होती है इसलिए SRAM को बार बार रिफ्रेश करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है!
कम रिफ्रेश होने के कारण यह डाटा को अधिक समय तक मेमोरी में रखती है! यह तब तक डेटा स्टोर करके रखती है जब तक की कंप्यूटर सिस्टम को बिजली की आपूर्ति की जाती है!
SRAM को DRAM की तुलना में कम पॉवर की जरूरत होती है इसलिए DRAM की तुलना में Static RAM तेज और महंगी होती है क्यूंकि इसे बार बार रिफ्रेश नहीं करना पड़ता है और इन्हें Cache मेमोरी के तौर पर कंप्यूटर में इस्तेमाल किया जाता है! SRAM Megabytes में ही मिलती है! SRAM डेटा को बहुत तेजी से Access करती है!
Static RAM की डाटा तक पहुचने वाली गति Cache Memory की तरह व्यवहार करती है इसलिए इसे Cache RAM भी कहते है इसका उदाहरण सभी प्रकार की कैश मेमोरी है!
DRAM ( Dynamic Random Access Memory )
Dynamic RAM सबसे कॉमन टाइप की RAM होती है डीरैम में डाटा मेमोरी सेल में स्टोर होता है! प्रत्येक मेमोरी सेल में एक ट्रांजिस्टर और एक कैपेसिटर होता है जिसमें थोडा थोडा डाटा स्टोर किया जाता है!
DRAM में स्टोर हुआ डाटा बना रहे इसके लिए इसे बार बार रिफ्रेश भी करना पड़ता है रिफ्रेश करने का अर्थ है कि वह डाटा को रीराइट करते हैं इसके जल्दी जल्दी Refresh होने के कारण इसकी गति धीमी होती है लेकिन यह अन्य मेमोरी के मुक़ाबले कम बिजली खाती है और लंबे समय तक खराब नहीं होती है!
अभी के समय में हम Dual Data Rate (DDR) का इस्तेमाल कर रहे है! मार्किट में आपको DDR 4 देखने को मिल जाएगी इससे पहले DDR1 से लेकर DDR3 आ चुकी है पुरानी डायनामिक रैम Single Data Rate (SDR) होती थी! Dual Data Rate (DDR) SDR से काफी तेज़ होती है!
Synchronous RAM ( सिंक्रोनस रैम )
सिंक्रोनस रैम DRAM की अपेक्षा ज्यादा फ़ास्ट होती है यह DRAM से ज्यादा तेजी से रिफ्रेश होती है! इसकी तेज गति का कारण यह है कि यह CPU की Clock Speed के साथ रिफ्रेश होती है इसलिए यह DRAM की तुलना में ज्यादा तेजी से डाटा स्थानांतरित कर पाती है!
दोस्तों अब आपके RAM से जुड़े सारे डाउट क्लियर हो गये होंगे तथा अब आप जान ही गए होंगे की RAM क्या है? और RAM कितने प्रकार की होती है? तो चलिए अब जानते है कि ROM Kya Hai In Hindi और रोम कितने प्रकार की होती है?
रोम क्या है?- What is ROM in Hindi
ROM का फुल फॉर्म Read Only Memory होता है! ROM एक Non volatile मेमोरी होती है तो इसमें स्टोर किया गया डाटा Permanent होता है इसलिए इसे स्थाई मेमोरी भी कहते है क्योकि इस मेमोरी से डाटा को केवल Read कर सकते है! यह डाटा को स्थाई रूप से स्टोर करती है कंप्यूटर का स्विच ऑफ होने के बाद भी रोम में स्टोर किया हुआ डाटा नष्ट नहीं होता हैं!
ROM के अंदर Manufactures वो इनफार्मेशन स्टोर करते है जो मशीन को चलाने के लिए बहुत ही जरुरी होती है! इसमें वो सभी निर्देश होते है जो कंप्यूटर को स्टार्ट होते समय जरूरत पड़ते है! इस मेमोरी में Store प्रोग्राम नष्ट नही किये जा सकते उन्हें केवल पढ़ा जा सकता है इसलिए इस मेमोरी को रीड ओनली मेमोरी कहते है!
ROM तीन प्रकार की होती है- Types of ROM
- PROM (Programmable Read Only Memory)
- EPROM (Erasable and Programmable Read Only Memory)
- EEPROM (Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory)
PROM ( प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी )
PROM एक येसी मेमोरी होती है जिसमे एक बार डाटा स्टोर होने के बाद उसे मिटाया नही जा सकता है और न ही परिवर्तन किया जा सकता है! कहने का मतलब है कि PROM चिप एक Programmable Read Only Memory होती है जिसे यूजर के द्वारा भी Programmed किया जा सकता है और एक बार इसे प्रोग्राम्ड कर दिया गया तब इसमें उपस्थित डाटा और निर्देश को मिटाया या चेंज नही किया जा सकता है!
यह एक Non-Volatile Memory होती है! PROM एक मेमोरी चिप होती है जिसे आप मार्केट से खरीद सकते है और उसमे आप अपना डाटा स्टोर कर सकते है और इसमें डाटा को केवल एक ही बार प्रोग्राम किया जा सकता है इसलिए PROM को One Time Programmable ( OTP ) चिप के रूप में भी जाना जाता है! यह डेटा को स्थाई रूप से स्टोर करता है!
EPROM ( इरेजेबल एंड प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी )
EPROM ( Erasable and Programmable Read Only Memory ) आपको इसके नाम से ही पता लग रहा होगा कि इसे दुवारा से प्रोग्राम किया जा सकता है! यह PROM की तरह ही होती है लेकिन इसमें स्थाई रूप से स्टोर डाटा को मिटाने के लिए Ultra violet light ( UV ) कुछ समय के लिए पास कराई जाती है जिससे इसमें स्टोर डाटा Erase हो जाता है और इसके बाद इसे फिर से प्रोग्राम किया सकता है!
EEPROM ( इलैक्ट्रिकली इरेजेबल एंड प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी )
EEPROM का पूरा नाम Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory होता है! ये EPROM के जैसी ही होती है इसमें भी डाटा को स्थाई रूप से स्टोर किया जाता है लेकिन इसमें डाटा को डिलीट करने के लिए Ultra Violet Light की कोई जरूरत नही पड़ती है!
इलेक्ट्रिकल सिग्नल की सहायता से स्थाई रूप से स्टोर किये डाटा को नष्ट किया जाता है तथा इसको Device से बहार नहीं निकालना पड़ता है! डाटा डिलीट करने में EPROM के मुकाबले कम समय लगता है इसे हाइब्रिड मेमोरी भी कहा जाता है क्योकि यह रैम की भाती रीड और राइट करती है और रोम के समान डाटा स्टोर करती है यह RAM और ROM का मिश्रण है!
Primary Memory ( प्राथमिक मेमोरी ) की विशेषताएं
- Main Memory ( Volatile Memory ) में डाटा Temporary ( अस्थाई ) रूप में स्टोर होता है!
- प्राइमरी मेमोरी बहुत फ़ास्ट होती है सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में!
- Primary Memory सेमीकंडक्टर मेमोरी होती है यह मेमोरी CPU का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है!
- बिना प्राथमिक मेमोरी के कंप्यूटर कोई भी कार्य नही कर सकता!
- कंप्यूटर बंद होने के बाद या काम ख़त्म होने के बाद Main मेमोरी से डाटा और निर्देश स्वतः ही डिलीट हो जाता है!
- इसकी स्टोरेज क्षमता लिमिटेड होती है!
- यह एक अर्धचालक मेमोरी हैं।
प्राइमरी मेमोरी के फायदे (Advantage of Primary Memory in Hindi)
प्राइमरी मेमोरी के निम्नलिखित फायदे है जिनमे से कुछ इस प्रकार है!
- प्राइमरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है।
- प्राइमरी मेमोरी में स्टोर किया गया डाटा पॉवर सप्लाई Off हो जाने के बाद नष्ट हो जाता है।
- प्राइमरी मेमोरी में डाटा Temporary स्टोर होता है।
- प्राइमरी मेमोरी, सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत फ़ास्ट होती है!
- सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में प्राइमरी मेमोरी महगी स्टोरेज डिवाइस है।
प्राइमरी मेमोरी के नुकसान (Disadvantage of Primary Memory in Hindi)
अगर प्राइमरी मेमोरी के फायदे है तो वही दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान या यू कहे तो कुछ कमियां भी है जो कि इस प्रकार है!
- प्राइमरी मेमोरी बहुत Expensive होती है!
- खराब होने पर ठीक करना मुश्किल है!
- Electricity Off या कंप्यूटर Shut Down होने के बाद डाटा या इनफार्मेशन नष्ट हो जाता है!
- प्राइमरी मेमोरी के बिना कंप्यूटर कार्य नही कर सकता है!
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कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न ( FAQs )
Volatile Memory किसे कहते है?
प्राइमरी मेमोरी या Main Memory में डाटा (Temporary) अस्थाई रूप में स्टोर होता है क्योंकि इसमें डाटा केवल पावर ऑन रहने तक ही Save रहता है इसलिए इसे Volatile Memory भी कहा जाता है।
कंप्यूटर में डाटा अस्थायी रूप से कहा स्टोर होता है?
कंप्यूटर में डाटा या निर्देश (Temporary) अस्थाई रूप में मुख्य मेमोरी ( Primary Memory ) में स्टोर होता है!
RAM का फुल फॉर्म क्या है?
RAM का फुल फॉर्म Random Access Memory होता है!
ROM का फुल फॉर्म क्या है?
ROM का Full Form Read Only Memory होता है!
SRAM का फुल फॉर्म क्या होता है?
SRAM का Full Form Static Random Access Memory होता है!
DRAM का फुल फॉर्म क्या होता है?
DRAM का फुल फॉर्म Dynamic Random Access Memory होता है!
PROM का फुल फॉर्म क्या होता है?
PROM का Full Form Programmable Read Only Memory होता है!
EPROM का फुल फॉर्म क्या है?
EPROM का फुल फॉर्म Erasable and Programmable Read Only Memory होता है!
EEPROM का फुल फॉर्म क्या है?
EEPROM का फुल फॉर्म Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory होता है!
निष्कर्ष
दोस्तों आज आपने जाना Primary Memory / Volatile Memory Kya Hai In Hindi और प्राथमिक मेमोरी कितने प्रकार की होती है? आपको हमारा लेख प्राइमरी मेमोरी क्या है? हिंदी में पसन्द आया होगा ! यदि आपके मन में इस लेख को लेकर कोई भी सवाल या सुझाव हैं तो आप नीचे कमेंट करके हमे बता सकते है! तथा इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हे भी कम्प्यूटर मेमोरी के बारे में जानकारी मिल जाएं!
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nice information. ek hi jagh par sahi or sabhi jankari mil gyi hai. Memory se Jude sare doubt clear ho gye hai.
thanks Bhai, अपना कीमती समय देने के लिए