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हनुमान चालीसा का क्या महत्व है?- क्या महिलाएं/लड़कियां हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती है या नही

हनुमान चालीसा का क्या महत्व है?:- जैसा की आप सभी लोग जानते है कि हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखित काव्य रचना है। गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसकी रचना अवधि भाषा में की है। हनुमान चालीसा के सम्पूर्ण रचना में श्री हनुमान जी के शौर्य और पराक्रम का वर्णन मिलता है। Hanuman Chalisa का नियमित रूप के साथ पाठ करने से मनुष्य के जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन देखने को मिलता है इसके अलावा उसके जीवन से सारे कष्टों का नाश होता है।

कलयुग में हनुमान चालीसा को सबसे अधिक शक्तिशाली माना जाता है। जिसका नियमित रूप से पाठ करने से आप सारे कष्टों से निजात पा सकते है। Hanuman Chalisa में तीन दोहें और चालीस चौपाई होती है तीनों दोहें स्तुति रूप में है। और हर एक चौपाई का अपना एक महत्व है।

हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा का बड़ा ही महत्व है। इस चालीसा को पढ़ते रहने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है। Hanuman Chalisa को दुनिया में सबसे ज्यादा बार पढ़ी जाने वाली पुस्तिका माना गया है। वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष नियम नही किन्तु हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए आपको कुछ छोटे-छोटे नियमों का पालन जरुर करना होंगा तभी आपको इसका फल मिलेंगा।

यहाँ आप हनुमान चालीसा से जुड़ी बहुत सारी चीजों के बारे में जानने वाले है तो आपसे विनम्र निवेदन है की इस आर्टिकल/लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़े। आपकी जानकारी के लिए हम बता दे की आप यहाँ जानेगे जैसे की।।।।




हनुमान चालीसा से जुड़ी रोचक जानकारियां

  1. Hanuman Chalisa क्या है?
  2. हनुमान चालीसा का क्या महत्व है?
  3. Hanuman Chalisa का पाठ कब करना चाहिए?
  4. Hanuman Chalisa का पाठ कैसे और कितनी बार करें?
  5. Hanuman Chalisa का फल क्यों नही मिलता है?
  6. Hanuman Chalisa पढ़ने से क्या नुकसान है?
  7. क्या महिलाएं/लड़कियां हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती है? या नही
  8. किन कारणों की वजह से हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ नही मिलता है?

 

हनुमान चालीसा का क्या महत्व है? हिंदी में
हनुमान चालीसा का क्या महत्व है? हिंदी में




हनुमान चालीसा क्या है?

हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखित काव्य रचना है। Hanuman Chalisa से भी पहले कई स्तुतियाँ हनुमान जी पर लिखी गयी थी लेकिन Hanuman Chalisa का अपना अलग ही महत्व है क्युकी इसे पढना और समझना बहुत ही सरल है तथा इस चालीसा में हनुमानजी के संपूर्ण चरित्र का वर्णन हो जाता है।

जैसा कि हम सभी लोंग जानते है श्री हनुमान जी इस कलयुग में सबसे ज्यादा जाग्रत भगवान है और आज भी इस पृथ्वी पर लोगों के कल्याण के लिए विचरण कर रहे है। हनुमानजी का प्रताप चारों युगों में रहा है और आगे भी रहेगा, क्योंकि वे अजर-अमर हैं। उन्हें अमरत्व का वरदान मिला हुआ है। वे जब तक चाहें शरीर में रहकर इस धरती पर मौजूद रह सकते हैं। पूरे ब्रह्मांड में हनुमानजी ही एकतात्र ऐसे देवता हैं जिनकी भक्ति से हर तरह के संकट तुरंत ही हल हो जाते हैं और यह एक चमत्कारिक सत्य है।

हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित और किया जाने वाला पाठ है Shree Hanuman Chalisa। Hanuman Chalisa एक येसी कृति है जिसका पाठ और मनन करने से बल-बुध्दि जाग्रत होती है। इसकी सम्पूर्ण रचना में 3 दोहें व् 40 चौपाई है और तीनों दोहें स्तुति रूप में है। Hanuman Chalisa में चालीसा शब्द का अभिप्राय 40 चौपाईयों से है।

हनुमान जी को प्रसन्न करना बहुत ही आसान और सरल है इसलिए चालीसा का बहुत बड़ा महत्व है क्योकि भक्त द्वारा अपने भगवान या इष्ट को प्रसन्न करने लिए तथा अपनी समस्याओं के निवारण के लिए सरल भाषा में की गयी प्रार्थना चालीसा कही जाती है आसान भाषा में कहे तो ईश्वर की सरल भाषा में की जाने वाली प्रार्थना चालीसा कहलाती है। इसे चालीसा इसलिए भी कहते है क्योंकि इसमें चालीस लाइन होती हैं। इसके पाठ के लिए किसी ख़ास नियम की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

हनुमान चालीसा में अलग अलग लाइन का अलग अलग महत्व होता हैं और उनका विशेष समस्याओं में विशेष प्रयोग होता है। तुलसीदास जी द्वारा लिखी हुयी हनुमान चालीसा सर्वाधिक शक्तिशाली और लोकप्रिय मानी जाती है। तो आइए जानते हैं हनुमान चालीसा के महत्व के बारे में।।।।




हनुमान चालीसा का क्या महत्व है?

हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा का बड़ा ही महत्व है। इस चालीसा को पढ़ते रहने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है। कहा जाता है की गोस्वामी तुलसीदास जी रामम जी के बहुत बड़े भक्त थे जिस कारण औरेंगजेब ने उन्हे बंदी बना लिया था और उन्होंने वहीं बैठकर हनुमान चालीसा लिखा था। बाद में कुछ येसा हुआ कि औरंगजेब को उन्हें छोड़ना पड़ा था। क्योकि हनुमान जी भगवान श्री राम के बहुत बड़े भक्त है अगर कोई भी उनके इष्ट ( राम जी ) का नाम सच्चे मन से जाप करता है तो हनुमान जी उसकी मदद अवश्य करते है।

तुलसीदासजी बाल्यावस्था से ही श्रीराम और हनुमान के भक्त थे, इसलिए उनकी कृपा से उन्होंने महाकाव्यों की रचना की है। मान्यता है कि किसी कारण मन अशांत है तो हनुमान चालीसा के पाठ से मन को शांति मिलती है तथा हर तरह के भय का नाश भी इसके पाठ से हो जाता है।

Shree Hanuman Ji बाल्यकाल में बहुत ही नटखट और शरारती थे एक दिन उन्होंने ने सूर्य को फल समझ कर अपने मुख में ले लिया था। इस घटना का वर्णन करते हुए तुलसीदास जी ने एक दोहा हनुमान चालीस में भी लिखा हैं।

जुग सहस्र योजन पर भानु।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

इस दोहे का अर्थ यह हैं की हनुमान जी ने सहस्र योजन की दूरी पर स्थित भानु मतलब सूर्य को मीठा फल समझकर खा लिया था।

हनुमान चालीसा में हनुमान जी और श्री राम की कई कहानियों का उल्लेख मिलता है। हनुमान चालीसा में हनुमान जी और श्री राम की कई कहानियों का उल्लेख मिलता है। आधुनिक युग की भागमभाग में हनुमान चालीसा ही एक ऐसा पाठ है जिसे तुरंत ही आसानी से पढ़ा जा सकता है इस चालीसा को पढ़ते रहने से व्यक्ति के मन में साहस, आत्मविश्वास और पराक्रम का संचार होता है। तथा जहां कहीं भी रामचरितमानस या हनुमान चालीसा का पाठ होता है वहां वह किसी न किसी रूप में अवश्य आते हैं।

 

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे और कितनी बार करें?

वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ करने की कोई विशेष विधि नही है लेकिन शास्त्रों और ग्रंथो में जो बताया गया है उसके अनुसार आपको Hanuman Chalisa का पाठ करना चाहिए। सबसे पहले आपको सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लेना और साफ वस्त्र धारण करना है। इसके पश्चात् आपको लाल वस्त्र का आसान बनाकर उस पर उनके इष्ट श्री राम के चित्र की स्थापना करें या फिर आप श्री राम दरबार की फोटो भी रख सकते है।

इसके बाद उनके समक्ष जल से भरा पत्र रखें। श्री राम व् हनुमान जी के सामने गाय के घी का दीपक जलाए इसके बाद आपको भगवान श्री राम जी की पूजा करना है उसके बाद ही श्री हनुमान जी की पूजा करना है। जिसके पश्चात् अब आप हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर सकते है।

हनुमान चालीसा का पाठ आपको कम से कम तीन बार से लेकर 108 बार तक करना है पाठ के उपरांत उस जल को प्रसाद की तरह ग्रहण करें। प्रयास करें कि चालीसा पाठ का समय रोज एक ही हो। इस विधि से हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करे नही तो कम से कम 11 मंगलवार तक जरुर करें। आपको इसका फल अवश्य मिलेंगा।




हनुमान चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?

जैसा की दोस्तों हमने आपको पहले ही बताया है की आप हनुमान चालीसा का पाठ कभी भी कर सकते है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार Hanuman Chalisa के पाठ के लिए सुबह ब्रम्हमुहूर्त व् सांयकाल गोधुली का समय सर्वोत्तम माना जाता है येसा इसलिए क्योकि इस समय वातावरण शांत रहता है जिस कारण पूजा व् चालीसा का पाठ करने में ध्यान लगता है। आप Hanuman Chalisa का पाठ नियमित रूप से कर सकते है या फिर जब भी कोई विकट परिस्थिति आये या संकट आये तब हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते है।

 

हनुमान चालीसा का फल क्यों नही मिलता है?

हनुमान चालीसा का पाठ निर्मल मन व् पूर्ण श्रध्दा के साथ करने से ही Hanuman Chalisa का फल मिलता है अगर आप इसका पाठ पुरे मन से नही करते तो इसका कोई फायदा नही और न ही आपको इसका कोई फल मिलता है। तो आईए जानते है येसे कौन कौन से कारण है जिनके वजह से हनुमान चालीसा का पाठ करने का फल नही मिलता है।

  1. Hanuman Chalisa का पाठ हमेशा स्नान करके और साफ-सुथरा कपडा पहनकर ही करना चाहिए।
  2. जब से आप Hanuman Chalisa का पाठ शुरू करें तब से मांस-मदिरा का सेवन ना करें।
  3. अधिकतर लोग जमीन पर बैठकर Hanuman Chalisa का पाठ करते है जिस कारण उन्हें मनवांछित फल नही मिलता है, हनूमान चालीसा का पाठ हमेशा कुशा या ऊन की चादर पर बैठकर करना चाहिए।
  4. यदि आप किसी रजस्वला ( मासिक धर्म ) महिला के संपर्क में आये है या उनका दिया सामान इस्तेमाल किया है तो आपको पुनः स्नान करके ही Hanuman Chalisa का पाठ करना चाहिए क्योकि हनुमान जी ब्रह्मचारी है और येसा नही करने पर वो नाराज हो सकते है।
  5. Hanuman Chalisa के पाठ का फल आपको तभी मिल पायेगा जब आप लाल वस्त्र पहनकर और पूर्ण श्रध्दा से चालीसा का पाठ करेंगे।

 

हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या नुकसान है?

दोस्तों तभी तक आपने Hanuman Chalisa पढने के फायदे के बारे में सुना होगा लेकिन आज हम आपको इसके नुकसान / हानि के बारे में भी बताएगे। क्योकि बहुत से लोग कभी भी और कही भी इसका पाठ करना शुरू कर देते है जिस कारण उन्हें बाद में हानि या बुरे परिणाम देखने को मिलते है। तो आईए जानते है Hanuman Chalisa पढने के नुकसान के बारे में….

अगर आप मांस-मदिरा का सेवन करते है तो आपको Hanuman Chalisa का पाठ नही करना चाहिए और ना ही हनुमान जी से जुडी किसी भी वस्तु को स्पर्श करना चाहिए। अगर आप येसा नही करते है तो श्री हनुमान जी नाराज हो जाते है और आपको इसके बुरे परिणाम देखने को मिलते है।

इसके अलाबा आपको हनुमान चालीसा का पाठ गलत विचार से या बुरी भावना से नही करना चाहिए। एक बात आपको और बता दे की मैंने कई लोगो को देखा है जो तांत्रिक सिद्धि के लिए Shree Hanuman Chalisa का पाठ करते है जिसके फलस्वरूप उन्हें नुकसान होता है। मैंने येसे कई लोगो को पागल या बावला होते देखा है। इसलिए श्री हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी बुरे कार्यो या बुरे उदेश्य से ना करे नही तो आपको नुकसान ही होंगा।




क्या महिलाएं/लड़कियां हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती है? या नही

दोस्तों वैसे तो हनुमान जी की पूजा या हनुमान चालीसा का पाठ कोई भी कर सकता है लेकिन लड़कियों और महिलाओ को कुछ विशेष चीजों का ध्यान रखना होता है। क्योकि श्री हनुमान जी अखंड ब्रह्मचारी व् महायोगी है वे महिलओं को सदा माता के रूप में देखते है। इसलिए महिलओं और लड़कियों को हनुमान जी की उपासना में ब्रह्मचर्य व् इन्द्रिय संयम पर ध्यान देना चाहिए।

कलयुग में हनुमान जी को जाग्रत देवता माना जाता है इसलिए इनकी पूजा से भक्तों की मनोकामना शीघ्र पूरी होती है और भक्त निर्भय हो जाता है तथा उसे किसी भी प्रकार का भय नही रहता है। सनातन धर्म में किसी भी देवी-देवता के पूजा का अधिकार महिलाओं और पुरुषों को समान रूप से है किन्तु हनुमान जी की पूजा का अधिकार महिलाओं एवं पुरुषों को एक समान नही है। इसलिए हनुमान जी की पूजा में कई येसे कार्य है जिसे महिलाओं को नही करने चाहिए। आईए जानते है लड़कियां/महिलाएं हनुमान जी की पूजा में कौन से कार्य कर सकती है और कौन से नही।

महिलाएं या लड़कियां हनुमान जी की पूजा में यह कार्य कर सकती है।

  • लड़कियां/महिलाएं हनुमान जी को गूगुल की धुनी रमा सकती है।
  • लड़कियां/महिलाएं हनुमान जी के सामने दीपक जला सकती है।
  • लड़कियां/महिलाएं अपने हांथो से भोग प्रसाद बनाकर हनुमान जी को अर्पित कर सकती है।
  • लड़कियां/महिलाएं सुंदरकाण्ड हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक का पाठ कर सकती है।

महिलाएं या लड़कियां हनुमान जी की पूजा में यह कार्य नही कर सकती है।

  • लड़कियां/महिलाएं लम्बे अनुष्ठान नही कर सकती है इसके पीछे उनका मासिक धर्म होना है और धरेलू उत्तरदायित्व निभाना मुख्य कारण है।
  • लड़कियां/महिलाएं हनुमान जी को चोला नही चढ़ा सकती है।
  • लड़कियां/महिलाएं हनुमान जी को सिंदूर अर्पित नही कर सकती है।
  • लड़कियां/महिलाएं बजरंग बाण का पाठ नही कर सकती है।
  • लड़कियां/महिलाएं को हनुमान जी को चरण पादुका अर्पित नही करनी चाहिए।
  • लड़कियां/महिलाएं हनुमान जी को पंचामृत स्नान नही करा सकती है।
  • लड़कियां/महिलाएं हनुमान जी को जनेऊ ( यज्ञोपवीत ) अर्पित नही कर सकती है।
  • लड़कियां/महिलाएं हनुमान जी को कपड़ो का जोड़ा अर्पित नही कर सकती है।




किन कारणों की वजह से हनुमान चालीसा पढ़ने का लाभ नही मिलता है?

श्री हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित और किया जाने वाला पाठ है हनुमान चालीसा! इसका पाठ करने से बल-बुद्धि जाग्रत होती है! लेकिन कई भक्तों को उनकी निरंतर आराधना के बाद भी लाभ नही होता! येसा क्यों होता है? आज हम इसी के बारे में जानेगे और हम आपको येसे 5 कारण बताएगे जिनकी बजह से आपको Shree Hanuman Chalisa के पाठ का फल नही मिलता है या यू कहे तो प्रभु की कृपा आप पर नही होती है! तो आईए जानते है उन 5 कारणों के बारे में….

  1. प्रभु से एक चित्त ना होना:- कई लोगो की आदत होती है की पूजा या ईश्वर का ध्यान करते समय वे दुसरे विचारों में खोय रहते है! आपका शारीर तो उपस्थित रहता है लेकिन मन नही, वो कहते है न की पूजा शारीर से नही मन की शुद्दी से होती है! इसलिए जब भी आप श्री हनुमान चालीसा ही नही किसी भी देवी-देवता का पाठ करे तो मन से करें अन्यथा आपको उसका लाभ नही मिलेंगा!
  2. स्वार्थ की भक्ति:- हर इन्सान दुःख के समय में ईश्वर की शरण में जाता है इसका ये मतलब नही की उसकी भक्ति में स्वार्थ छिपा है क्योकि दुःख के समय में हर कोई ईश्वर से कुछ न कुछ जरुर मागता है! किन्तु बहुत से लोग सुख आने पर ईश्वर की भक्ति करना भूल जाते है और दुःख के समय भगवान को याद करते है उनकी इस भक्ति में स्वार्थ छिपा रहता है! इसलिए कहता हूँ दोस्तों दुःख के समय में तो हर कोई ईश्वर को याद करता है लेकिन सुख में भी जो भगवान के निकट रहे और उनकी भक्ति करें यूज़ ही निस्वार्थ भक्ति कहते है जिस कारण उन पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है और उन्हें लाभ मिलता है!
  3. बुरे कर्म:- अगर आप ये सोच रहे है की हम तो ईश्वर की निरंतर भक्ति करते है तो हम पर भगवान की कृपा बनी रहेगी, तो येसा तभी संभव है जब आपके कर्म भी अच्छे हो, क्योकि भक्ति के साथ-साथ आपको अच्छे कर्म भी करना चाहिए तभी आपको उसका फल मिलता है! मैंने येसे कई लोगो को देखा है जो भगवान की भक्ति तो खूब करते है लेकिन उनके कर्म अच्छे नही होते जिसके फलस्वरूप उनके साथ भी बुरा होता है तो फिर वो कहते है मेरे साथ येसा क्यों हुआ मै तो भगवान की रोज पूजा करता था! दोस्तों कर्म का फल हमारे सुख-दुःख का कारण बनता है!
  4. संकल्प पूरा न करना:- दोस्तों जब हम तकलीफ में होते है तो उस तकलीफ या दुःख से बाहर आने के लिए हम हर एक प्रयास करते है फिर चाहे पूजा-पाठ करना हो, व्रत रखना या फिर संकल्प! लेकिन येसे भी कुछ लोग होते है जिनके या तो धीरज की कमी होती है या भगवान के प्रति अटूट विश्वास की कमी या फिर उनका मन कही भटक जाता है जिसकी वजह से वे ईश्वर के सामने लिया संकल्प भूल जाते है और अधूरा छोड़ देते है जिस कारण उन्हें लाभ नही मिलता है!
  5. नियमों का पालन न करना:- दोस्तों ये सबसे महत्वपूर्ण कारण है नियमों का पालन न करना! अक्सर लोग पूजा-पाठ अपने मन के हिसाब से करते है जिसके फलस्वरूप उन्हें फिर कोई लाभ नही मिलता है! दोस्तों हर एक पूजा-पाठ की क्रिया-विधि और नियम होते है जिनको पालन करना अनिवार्य होता है तभी हमको उसका लाभ मिलता है! तो दोस्तों जब भी आप कोई भी पूजा-पाठ करें तो हमारे शास्त्रों में बताए गये नियमों का अवश्य पालन करें!




किस समस्या के लिए हनुमान चालीसा की कौन सी पंक्ति/चौपाई का पाठ करें?

क्रं स० समस्या चौपाई
1 पढाई में मन न लगे और एकाग्रता बढ़ाने के लिए

हनुमान चालीसा दोहा 2

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

2 बहुत समय से यदि बीमार हैं तो यह पंक्ति पढ़ें

श्री हनुमान चालीसा चौपाई 25

नासै रोग हरै सब पीरा।

जपत निरंतर हनुमत बीरा।।

3 स्वास्थ्य की बाधाओं से बचने के लिए श्री हनुमान चालीसा चौपाई 11

लाय सजीवन लखन जियाये।

श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।

4 प्राणों पर यदि संकट आ गया हो तो यह पंक्ति पढ़ें श्री हनुमान चालीसा चौपाई 26

संकट तें हनुमान छुड़ावै।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

 

श्री हनुमान चालीसा चौपाई 36

संकट कटै मिटै सब पीरा।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

5 मन में अकारण भय हो तथा मानसिक अवसाद से बचने के लिए श्री हनुमान चालीसा चौपाई 24

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।

महाबीर जब नाम सुनावै।।

6 जीवन में सही रास्ते पर चलने के लिए तथा कुसंगति से बचने के लिए श्री हनुमान चालीसा चौपाई 3

महाबीर बिक्रम बजरंगी।

कुमति निवार सुमति के संगी।।

7 किसी भी कार्य को सिद्ध करना हो तो यह पंक्ति पढ़ें श्री हनुमान चालीसा चौपाई 10

भीम रूप धरि असुर संहारे।

रामचंद्र के काज संवारे।।

8 जब सारे रास्ते बंद हो जायें और समस्या काफी गंभीर हो जाय श्री हनुमान चालीसा चौपाई 20

दुर्गम काज जगत के जेते।

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

9 किसी भी प्रकार का डर है तो यह पढ़ें श्री हनुमान चालीसा चौपाई 22

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।

तुम रक्षक काहू को डर ना।।

10 आपके मन में किसी भी प्रकार की मनोकामना है तो पढ़ें श्री हनुमान चालीसा चौपाई 28

और मनोरथ जो कोई लावै।

सोइ अमित जीवन फल पावै।।

Hanuman Chalisa HD Banner Download In Hindi



निष्कर्ष

दोस्तों अब आप हनुमान चालीसा का क्या महत्व है? के बारे में बहुत कुछ जान गये है तथा यह भी जान गये की हनुमान चालीसा का पाठ कैसे और कितनी बार करना चाहिए? इसके साथ-साथ आपने यह भी जाना क्या महिलाएं/लड़कियां हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती है? या नही, तो यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ  सकते है! अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो हमे कमेंट करके जरुर  बताए और इस लेख को ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया जैसे Facebook, Whatsapp, Twiter इत्यादि पर जरुर शेयर करें!

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