Goverdhan Puja Kab Hai 2022- गोवर्धन पूजा का महत्व:- गोवर्धन की पूजा दिवाली के 5 दिनों के त्यौहार में चौथे नंबर का त्यौहार है, हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। इस पर्व का सीधा संबंध प्रकृति और मानव से है। इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि गोवर्धन पूजा कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है एवं पूजा किस प्रकार से करनी है यह सब पूरी जानकारी इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं।
गोवर्धन (Govardhan Puja) का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। हिन्दू केलेंडर के अनुसार गोवर्धन की पूजा कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर की जाती है इसमें हिन्दू लोग अपने घर के आँगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ जी की अल्पना बनाकर उनकी पूजा करते है, साक्षात् देवता माने जाने वाले गिरिराज भगवान को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है इसलिए इस पर्व को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है।
यह त्यौहार समस्त भारत में मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत में खासकर ब्रज भूमि (मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना आदि) पर इसकी भव्यता और बढ़ जाती है, जहां स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल के लोगों को गोवर्धन पूजा के लिए प्रेरित किया था और देवराज इंद्र के अहंकार का नाश किया था। तो चलिए जानते है की गोवर्धन पूजा का क्या महत्व है, गोवर्धन पूजा डेट, टाइम और शुभमुहूर्त, Govardhan Puja Kaise Kre?, Govardhan Puja Ka Samay Kitne Baje Ka Hai ।

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Goverdhan Puja Kab Hai?- गोवर्धन पूजा तिथि और शुभमुहूर्त
गोवर्धन पूजा हर वर्ष दीपावली के 1 दिन बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन होती है, लेकिन इस बार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण सूतक लग रहा है तो गोधन पूजा 26 अक्टूबर को की जाएगी। इसी बजह से इस बार दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
गोवर्धन पूजा दो समय सुबह और शाम को होती है। सुबह के समय भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की धूप, फल, फूल, खील-खिलौने आदि से पूजा-अर्चना और कथा-आरती की जाती है। शाम को अन्नकूट का भोग लगाकर आरती होती है।
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गोवर्धन पूजा शुभमुहूर्त- Govardhan Puja Ka Samay Kitne Baje Ka Hai ?
गोवर्धन की पूजा का मुहूर्त 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर प्रारम्भ होगा जो दिनांक 26 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। तो आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को ही शुभ मुहूर्त है सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह की ही 8 बजकर 43 मिनट तक होगा।
- गोवर्धन पूजा:- बुधवार, 26 अक्टूबर 2022
- गोवर्धन पूजा प्रात:काल मुहूर्त:- सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह की ही 8 बजकर 43 मिनट तक
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ:- 25 अक्टूबर 2022 शाम 4 बजकर 18 मिनट
- प्रतिपदा तिथि समाप्त:- 26 अक्टूबर 2022 दोपहर 2 बजकर 42 मिनट
गोवर्धन पूजा | शुभमुहूर्त समय |
प्रातः काल पूजा | बुधवार, 26 अक्टूबर 2022 सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह की ही 8 बजकर 43 मिनट तक |
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दीपावली क्यों मनाते है?- पूजा विधि और शुभमुहूर्त
गोवर्धन पूजा कैसे करें?- गोवर्धन पूजा की विधि
गोधन पूजा में गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है गोवर्धन पूजा दो समय सुबह और शाम को होती है। सुबह के समय भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की धूप, फल, फूल, खील-खिलौने आदि से पूजा-अर्चना और कथा-आरती की जाती है। शाम को अन्नकूट का भोग लगाकर आरती होती है।
गोवर्धन पूजा करने के लिए सबसे पहले आपको गाय के गोबर को लेकर गोवर्धन पर्वत की आकृति को बनाना है फिर उस पर गाय बछड़े आदि भी बनाना है आकृति में नाभि के स्थान पर एक कटोरी जितना गड्ढा बना लें और दूध, दही, गंगाजल, शहद और बतासे इत्यादि डाल दें। बनाए हुए गोवर्धन पर्वत की धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें। साथ ही अन्नकूट, मिष्ठान आदि का भोग लगाए।
भोग लगाने के बाद उस पर 7 परिक्रमा लगाएं जिसमें आप खीला एवं जौ साथ में लेकर गिराते जाइए। फिर भगवान कृष्ण का श्रृंगार करे, उन्हें दूध से स्नान करवाए, इसके बाद धुप दीप आदि से गोवर्धन की पूजा करे और साथ ही कृष्ण भगवान तथा गौ माता की भी पूजा की जाती है। और इसके साथ आप पूजा में दीपक और धूप जलाएं। इसी दिन गाय-बैल और कृषि काम में आने वाले पशुओं की पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजा का क्या महत्व है?- Goverdhan Puja 2022 in Hindi
इस दिन गोवर्धन पर्वत, गोधन यानि गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इसी दिन गाय-बैल और कृषि काम में आने वाले पशुओं की पूजा की जाती है। गोवर्धन गिरि भगवान के रूप में माने जाते हैं और इस दिन उनकी पूजा घर में करने से धन, संतान और गौ रस की वृद्धि होती है।
Goverdhan Puja का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। गोधन पूजा वाले दिन अन्नकूट का खास महत्व है, इस पूजा का आरम्भ भगवान कृष्ण द्वारा किया गया था। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इंद्रदेव की पूजा करने बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा था। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा था, क्योंकि गोवर्धन पर्वत से ही पूरे ब्रज की गाय को चारा मिलता था। इस दिन भारी बारिश के कारण ब्रज में हाहाकार मच गया था लोगो के घर आदि पानी में बह रहे थे इस संकट से बचाने के लिए ही भगवान कृष्ण में गोवर्धन पर्वत को उठाया था।
यह त्यौहार मानव जाति को इस बात का संदेश देता है कि हमारा जीवन प्रकृति द्वारा प्रदान संसाधनों पर निर्भर है और इसके लिए हमें उनका सम्मान और धन्यवाद करना चाहिए। गोवर्धन पूजा के जरिए हम समस्त प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।
गोवर्धन पूजा पर होने वाले आयोजन
- गोवर्धन पूजा प्रकृति और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित त्यौहार है। गोवर्धन पूजा के मौके पर देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन और अन्नकूट यानि भंडारे होते हैं। पूजन के बाद लोगों में भोजन प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
- गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि परिक्रमा करने से भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- गोवर्धन पूजा के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा भी की जाती है। इस मौके पर सभी कारखानों और उद्योगों में मशीनों की पूजा होती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQ )
1. गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है?
गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत, गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। इस पूजा के माध्यम से हम प्राकृतिक संसाधनों को अपना सम्मान प्रकट करते हैं।
2. गोवर्धन पूजा कैसे मनाई जाती है?
गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन बनाये जाते हैं। उन्हें फूलों से सजाया जाता है और सुबह और शाम के दौरान उनकी पूजा की जाती है। पूजा के बाद गोवर्धन जी की सात बार परिक्रमा की जाती है।
3. गोवर्धन पूजा का क्या अर्थ है?
गोवर्धन पूजा का अर्थ होता है गोवर्धन की पूजा। इस दिन गोधन या गायों के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा प्रकट करने के लिए गोवर्धन की पूजा की जाती है।
4. गोवर्धन पूजा में क्या क्या सामग्री चाहिए?
गाय का गोबर, रोली, मौली, अक्षत, कच्चा दूध, फूल, फूलों की माला, गन्ने, बताशे, चावल, मिट्टी का दिया, धूप, दीपक, नैवेद्य, फल, मिठाई, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, भगवान् कृष्ण की प्रतिमा।
5. गोवर्धन पूजा करने से क्या लाभ होता है?
गोवर्धन पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन, संतान और गौ रस की वृद्धि होती है।
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आशा करते हैं कि अब आपको पता चल गया होगा कि Govardhan Puja Kab Hai 2022 और पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा कैसे करना है, गोवर्धन पूजा का क्या महत्व है। अगर आपको ये जानकारी पसंद आई है तो इसे सोशल मीडिया जैसे Whatsapp और Facebook आदि पर शेयर करें।