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Cache Mapping Kya Hai In Hindi- Cache Hit और Cache Miss क्या है?

Cache Mapping Kya Hai In Hindi:- दोस्तों अभी तक आप कैश मेमोरी के बारे में बहुत कुछ जान गये होंगे जैसे की Cache Memory क्या है?, Cache Memory कैसे काम करती है?, Cache Memory कितने प्रकार की होती है? और भी बहुत कुछ कैश मेमोरी के बारे में आपने पिछली पोस्ट में सिखा था।

लेकिन क्या आप जानते है कि Cache Mapping क्या है?, Cache Hit किसे कहते है? तथा Cache Miss किसे कहते है? अगर आप इन सभी के बारे में नही जानते है तो कोई बात नही आज हम इस आर्टिकल में इन्ही सभी चीजो के बारे में विस्तार से जानने वाले है तो आपसे निवेदन है की इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरुर पढ़े ताकि आपको इसकी जानकारी सही से हो पाए।

जो लोग Cache Memory के बारे में ज्यादा कुछ नही जानते है तो उनका हम थोडा Revision करा देते है, जैसा की आप सभी लोग ये तो जानते ही होंगे कि कंप्यूटर में CPU को Computer का ब्रेन कहा जाता है क्यों की कंप्यूटर को कोई भी डाटा प्रोसेस करने के लिए सीपीयू की आवश्यकता पड़ती है।

CPU को कोई भी डाटा प्राप्त करने के लिए RAM और हार्ड डिस्क से लेना पड़ता है जिसकी स्पीड सीपीयू की तुलना में बहुत कम होती है अब ऐसे में अगर CPU द्वारा किसी Program को Process करते समय इन Devices से Data (Instructions) प्राप्त करने में लेट हुआ तो इसका असर सीधा System के Overall Performance पर होता है इसी समस्या को दूर करने के लिए कैश मेमोरी का उपयोग किया जाता है।




कैश मेमोरी की बात करें तो, Cache Memory एक Volatile Memory है जो Central Processing Unit (CPU) के नजदीक स्थित होती है इसलिए इस Memory को CPU Memory भी कहा जाता है। सीपीयू के प्रोसेसिंग के दौरान सभी आवश्यक डाटा या निर्देश इसी में अस्थायी रूप से स्टोर होते है।

कैश मेमोरी में Data केवल Power Supply होने तक Store रहता है साथ ही CPU द्वारा Program Execute होने पर Memory Reset हो जाती है तथा कैश मेमोरी की स्टोरेज क्षमता बाकि मेमोरी की तुलना में बहुत कम होती है लेकिन Speed CPU की भांति ही तेज होती है जिस कारण Cache Memory को कंप्यूटर की Fastest Memory माना जाता है।

Computer मे Cache Memory का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्यूंकी Processor और RAM के बीच डाटा Flow सही से हो पाए और Bottle Neck जैसी समस्या पैदा ना हो पाए। कैश मेमोरी के बारे में और अधिक जानने के लिए आप पिछले आर्टिकल को पढ़ सकते है जहाँ हमने इसके बारे में विस्तार से समझाया है।

लेकिन अभी आप के मन में एक सवाल आ रहा होगा की ये Bottle Neck क्या होता है? ( What is Bottle Neck In Hindi ) तो चलिए जान लेते है इसके बारे में विस्तार से….

Cache Mapping Kya Hai In Hindi- Cache Hit- Cache Miss Kya Hai
Cache Mapping Kya Hai In Hindi- Cache Hit और Cache Miss क्या है?




Bottleneck क्या होता है? ( What is Bottleneck In Hindi )

वर्तमान में बोटलनेक के बारे में जानना बहुत ही जरुरी है क्योकि ये समस्या कंप्यूटर डिवाइस में काफी आम है। इसलिए यह जानना जरूरी है की bottleneck क्या है?

ये तो आप सभी लोग जानते ही होंगे की कंप्यूटर बहुत सारे कंपोनेंट्स से मिलकर बना होता है और वो सभो कंपोनेंट्स एक दुसरे से मिलकर काम करते है। कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट्स की स्पीड अगर High है तो Computer की Overall Performance भी हाई रहती है लेकिन अगर किसी Components की Speed कम या Down है तो कंप्यूटर की भी ओवरआल परफॉरमेंस भी डाउन हो जाती है इसी समस्या को bottleneck कहा जाता है।

जिस भी कंपोनेंट्स की वजह से कंप्यूटर की परफॉरमेंस डाउन की समस्या आती है उसे ही Bottleneck कहते है। इस समस्या से बचने के लिए आपको कुछ चीजो का ध्यान रखना चाहिए जिससे की आपके कंप्यूटर में bottleneck जैसी समस्या पैदा न हो।

कंप्यूटर सिस्टम में अगर low हार्डवेयर कंपोनेंट का इस्तेमाल किया गया है तो उस सिस्टम में किसी भी प्रकार का हाई एंड हार्डवेयर कंपोनेंट का इस्तेमाल ना करें इसके अलावा हाई एंड कंप्यूटर सिस्टम में कभी भी low हार्डवेयर कंपोनेंट का उपयोग ना करें। कंप्यूटर को अपग्रेड करते वक्त भी जिस तरह का हार्डवेयर कंपोनेंट उपयोग किया गया है उसी से मिलते जुलते कंपोनेंट का इस्तेमाल करें।

अगर आपके सिस्टम में हाई एंड हार्डवेयर के साथ लो हार्डवेयर का उपयोग किया गया है तो लो हार्डवेयर को निकालकर हाई एंड हार्डवेयर का इस्तेमाल करें या फिर हाई एंड हार्डवेयर को निकालकर लो हार्डवेयर का उपयोग करें। कहने का मतलब है की कंप्यूटर सिस्टम के अंदर कोई भी हार्डवेयर अनबैलेंस ना हो, इस तरह से आप bottlenecking की समस्या से बच सकते हैं।




Bottlenecking के प्रभाव ( Effects of bottlenecking in Computer System )

Bottlenecking के कारण कंप्यूटर सिस्टम पूरी तरह से खराब हो सकता है येसा इसलिए क्योकि जब एक अच्छे पावरफुल कॉम्पोनेन्ट के साथ कम पावरफुल वाले कंपोनेंट्स का प्रयोग किया जाता है तब कम पावरफुल वाले कॉम्पोनेन्ट पर प्रोसेसर के कार्य का 100% लोड पड़ता है जिसकी वजह से Low Component Heat करने लगता है और अधिक हीट होने के कारण ख़राब हो जाता है।

Overheating के कारण कंप्यूटर के अन्य हार्डवेयर कंपोनेंट पर भी प्रभाव पड़ता है जैसे कि मदरबोर्ड, रैम, स्टोरेज डिवाइस इत्यादि, इस वजह से bottleneck के कारण पूरा का पूरा कंप्यूटर सिस्टम खराब हो सकता हैं।

आप सोच रहे होंगे की ये तो कंप्यूटर हार्डवेयर कंपोनेंट्स में होता है इसका कैश मेमोरी से क्या सम्बन्ध है तो चलिए इसको एक उदाहरण से समझते है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिये आप एक Computer/PC असेंबल किये है उसमे आपने सभी कंपोनेंट्स हाई परफॉरमेंस के यूज़ किये है लेकिन आपने हार्ड-डिस्क सस्ती वाली या low performance की यूज़ की है। अब होगा ये की कंप्यूटर के बाकि सभी कंपोनेंट्स ( Processor, RAM ) हाई परफॉर्म करेंगे लेकिन जब हार्ड-डिस्क की बारी आएगी डाटा को Read और Write करने की तो वह ज्यादा समय लेगी डेटा को Read और Write करने में।

जिसकी वजह से कंप्यूटर की Overall Performance डाउन हो जाएगी और आप आप High-end Computer build करके भी performance सही से नहीं देख पाओगे। परफॉरमेंस डाउन को  ही bottleneck कहा जाता है।

अगर आपको कंप्यूटर की अच्छी-खासी जानकारी है तो आप आसानी से bottlenecking का पता लगा सकते है लेकिन अगर आपको कंप्यूटर की जानकारी नहीं है तो आप कुछ सॉफ्टवेयर का उपयोग करके इस समस्या का पता लगा सकते हैं इसके अलावा कुछ वेबसाइट्स पर जाकर के भी आप bottlenecking समस्या का पता लगा सकते हैं।

आपके Computer मे Bottle neck कितना है चेक करना चाहते हो तो आप नीच मे दी गई Website की link को click कीजिए और अपने कंप्यूटर सिस्टम का bottle neck चेक कीजिए।

Websites Software
Pc-builds.com Click Here Pc tailor software Free Download Click Here
Cpu-monkey.com Click Here
Userbenchmark.com Click Here Karadjgen software Free Download Click Here
Notebookcheck.net Click Here

 

दोस्तों अब तो आप जान ही गये होंगे की Bottleneck क्या है? और इसका हमारे कंप्यूटर पर क्या प्रभाव पड़ता है। तो आईये अब जानते है की Cache Mapping क्या है? Cache Hit और Cache Miss क्या है?




Cache Mapping Kya Hai In Hindi

Cache Mapping के बारे में जानने से पहले आपको कैश हिट और कैश मिस के बारे में पता होना चाहिए तभी आपको इसको समझने में आसानी होंगी।

Cache Memory की दक्षता को नापने के लिए एक रेश्यो या अनुपात का प्रयोग किया जाता है जिसे हिट अनुपात या हिट रेश्यो ( Hit Ratio ) कहते है।

Hit Ratio = Total Hits / Total Hit+Total Miss

या

Hit Ratio = Total Hits / Total Memory Reference

  • जहाँ Total Memory Reference = Total Hit + Total Miss
  • और Total Memory Reference = CPU द्वारा मांगे गये कुल शब्दों की संख्या
  • Total Hit = CPU द्वारा मांगे गये कुल शब्दों की संख्या, जो कैश मेमोरी से प्राप्त हुए है।
  • Total Miss = CPU द्वारा मांगे गये कुल शब्दों की संख्या, जो कैश मेमोरी से प्राप्त न होकर Main Memory से प्राप्त हुए है।

तो आईए जानते है कैश हिट और कैश मिस के बारे में विस्तार से…

 

Cache Hit क्या है? ( What is Cache Hit In Hindi )

CPU द्वारा अक्सर उपयोग किए जाने वाला Data, Cache Memory में पाया जाने पर ऐसी स्थिति को Cache Hit कहते है। आसान शब्दों में कहे तो Processing के दौरान CPU द्वारा माँगा गया डाटा या निर्देश अगर Cache Memory में मिल जाता है तो उसे Cache Hit कहते है।

Cache Miss क्या है? ( What is Cache Miss In Hindi )

Cache Miss, Cache Hit के ठीक विपरीत होता है अर्थात CPU द्वारा अक्सर उपयोग किए जाने वाला डाटा कैश मेमोरी में ना पाए जाने पर ऐसी स्थिति को Cache Miss कहते है। आसान शब्दों में कहे तो Processing के दौरान CPU द्वारा माँगा गया डाटा या निर्देश अगर Cache Memory में नही मिलता है तो उसे Cache Miss कहते है।

कैश मिस के लिए कैश एक नई एंट्री आवंटित करता है और मैन मेमोरी से डेटा में कॉपी करता है फिर कैश की कंटेंट से रिक्वेस्ट को पूरा किया जाता है। कैश मेमोरी का प्रदर्शन अक्सर Hit Ratio नामक मात्रा के संदर्भ में मापा जाता है जिसको हमने पहले ही ऊपर लेख में बता दिया है। तो आईए अब जानते है Cache Mapping के बारे में विस्तार से..

 

Cache Mapping क्या है हिंदी में ( What is Cache Mapping In Hindi )

Cache Mapping एक Technique है जिसके अंतर्गत Cache Miss की स्थिति में CPU को उपयोगी Data, Main Memory से लेकर Cache Memory में Load किया जाता है इस Technique को Cache Mapping कहा जाता है!

आसान शब्दों में कहे तो यदि सीपीयू को कैश मेमोरी में वो सामग्री ( Data, Instruction ) नही मिलती जो उसे चाहिए तो उस डाटा या निर्देश को मुख्य मेमोरी में खोजकर वापस कैश मेमोरी में लाने की प्रकिया को Cache Mapping कहते है! आईए इसे एक उदाहरण से समझते है!

हम जब भी कोई Software को कंप्यूटर में Run करते है तो हमारे Computer मे उस सॉफ्टवेयर कि कुछ महत्वपूर्ण फाइल Hard Disk से RAM में load होती है फिर RAM उस Important File को CPU को ट्रान्सफर कर देती है। इसके बाद Processor तक जब वह Important File पहुँच जाती तब Cache Memory उस Important File का कुछ महत्वपूर्ण डाटा जो प्रोसेसर को बार-बार जरूरत पड़ती है processing करने के समय आपने पास मे Cache में load करके रखती है

और वह महत्वपूर्ण डाटा Cache Memory में कौन सी level पर store होंगा और CPU कैसे उसे उपयोग मे लेगी वह सब Decide करता है Cache Mapping। Cache Mapping Technique तीन अलग-अलग टाइप्स की टेक्निक्स का उपयोग करके Cache Mapping की जाती है जोकि इस प्रकार है…

  1. Direct Mapping
  2. Fully Associative Mapping
  3. Set Associative Mapping

Direct Mapping ( डायरेक्ट मैपिंग )

जैसा कि नाम से मालूम पड़ रहा है Direct mapped cache में प्रत्येक block को mapped करने के लिये एक तय cache memory locations होती है अर्थात इसके नाम से ही इसके कार्य का अंदाजा लगाया जा सकता है की Direct Mapping में Cache की Mapping Memory Fixed होती है! Main Memory से Cache में Mapping होने वाले Block को किस Cache Line में रखना है ये पहले से ही तय रहता है जिसे Direct Mapping कहते है!


Fully Associative Mapping

इसका Structure काफी Similar होता है Direct mapping के अर्थात यह Technique Direct Mapping के समान होती है फर्क बस इतना है कि Direct Mapping में Cache की Mapping Memory Fixed होती है जोकि Fully Associative Mapping में ऐसा पहले से तय नहीं होता है! कहने का मतलब है कि fully associative mapping में एक memory block को निर्धारित स्थान के बजाय किसी भी Cache Line में Mapped किया जा सकता है!

Set Associative Mapping

Direct Mapping और Fully Associative Mapping के Combination को Set Associative Mapping कह सकते है! इसमें होता यह है कि Cache Lines को Sets में Divide किया जाता और हर एक Set में Number of Cache Lines होते है! अब Main Memory के Particular Block से डाटा कैश मेमोरी के एक पर्टिकुलर सेट में Mapped किया जाता है यानि की Mapping के Set Fixed होते है परन्तु, Set के भीतर Data को किसी भी Cache Line पर Load किया जा सकता है इसलिए इसे कभी-कभी K-way Set Associative Mapping भी कहा जाता है!

 

आपके कंप्यूटर में कैश मेमोरी कितनी साइज़ में है आप कैसे पता करोगें?

कंप्यूटर में Cache Memory की Size या Amount पता करना बहुत ही आसान है जो लोग कंप्यूटर की थोड़ी बहुत जानकारी रखते है उनको मालूम होता है कि वो कैसे अपने कंप्यूटर की कैश मेमोरी की साइज़ पता कर सकते है! लेकिन अगर आपको इसके बारे में जानकारी नही है तो आप नीचे दिए गये स्टेप्स को फॉलो करके आप अपने कंप्यूटर की कैश मेमोरी की साइज़ को पता कर सकते है!

How to find cache memory size in computer-pc-laptop
How to find cache memory size in computer-pc-laptop




  1. सबसे पहले आपको Taskbar पर Right Click करना है जोकि Bottom में होता है!
  2. इसके बाद आपको बहुत सारे ऑप्शन देखने को मिलेंगे जिसमे से आपको Task Manager पर क्लिक करना है!
  3. अब आपके सामने एक विंडो Open होगी जहाँ आपको Performance वाले ऑप्शन पर क्लिक करना है!
  4. अब आपको CPU पर क्लिक करना है जहाँ आपको Bottom Right में आपके कंप्यूटर की Cache Memory की साइज़ Show होंगी!
  5. इस तरह आप अपने कंप्यूटर की कैश मेमोरी की साइज़ चेक कर सकते है! जैसा की नीचे चित्र में दिखाया गया है!

 

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निष्कर्ष

दोस्तों आज आपने जाना Cache Hit क्या है? और Cache Miss क्या है? आपको हमारा लेख Cache Mapping Kya Hai In Hindi पसन्द आया होगा। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर कोई भी सवाल या सुझाव हैं तो आप नीचे कमेंट करके हमे बता सकते है। तथा इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि उन्हे भी कैश मेमोरी के बारे में जानकारी मिल जाएं।

अगर आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो हमे कमेंट करके जरुर बताए ताकि हम अपने आर्टिकल की गुणबत्ता में और भी अच्छा सुधार कर सके। लेटेस्ट अपडेट पाने के लिए या हमसे जुड़ने के लिए हमें सोशल मीडिया FacebookPinterestTelegramGoogle News इत्यादि पर जरुर फॉलो करे, ताकि कोई भी जानकारी आपको सबसे पहले मिले।

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